Skip to product information
1 of 11

Kanzuliman Foundation

AL-QUR'AN KANZUL IMAN WITH KHAZAINUL IRFAN HINDI TRANSLATION

AL-QUR'AN KANZUL IMAN WITH KHAZAINUL IRFAN HINDI TRANSLATION

शरई़, फ़न्नी और अदबी ख़ूबियों से मुरस्सअ़ तरजमा व तफ़्सीर

Aalahazrat Imam Ahmad Raza Khan Alahir Rehma (author)

Publisher: Kanzuliman Foundation

क़ुरआन-ए-करीम 23 साल के अरसे में हज़ूर नबी-ए-अक़राम ﷺ पर नाज़िल होने वाली आसमानी वाही का मज़मुआ है। क़ुरआन-ए-करीम बानी-ए-नौ-ए-इंसान ख़ुसूसन मुसलमानों के लिए मुक़द्दस किताब है जो इन के लिए क़ानून और अहकाम, समाजी और अख़लाक़ी रवैयों के ज़ब्ते बयान करता है और एक जामे' मज़हबी फलसफ़ा भी रखता है। क़ुरआन-ए-करीम को समझने के लिए क़ुरआन-ए-करीम की ज़ुबान जानना ज़रूरी है क़ुरआन-ए-करीम को समझने के लिए क़ुरआन-ए-करीम की ज़ुबान जानना ज़रूरी है, क़ुरआन-ए-करीम की ज़ुबान अरबी है, हर खित्ते (जगह) के मुसलमान बिना अपनी इलाकाई ज़ुबान में क़ुरआन-ए-करीम का तर्ज़मा (translation) पढ़े अरबी क़ुरआन को नहीं समझ सकते, इसलिए हर ज़ुबान में तर्ज़मा (translation) करना ज़रूरी है।
Regular price Rs. 450.00
Regular price Sale price Rs. 450.00
Sale Sold out
View full details

Detailed Description

क़ुरआन-ए-करीम 23 साल के अरसे में हज़ूर नबी-ए-अक़राम ﷺ पर नाज़िल होने वाली आसमानी वाही का मज़मुआ है। क़ुरआन-ए-करीम बानी-ए-नौ-ए-इंसान ख़ुसूसन मुसलमानों के लिए मुक़द्दस किताब है जो इन के लिए क़ानून और अहकाम, समाजी और अख़लाक़ी रवैयों के ज़ब्ते बयान करता है और एक जामे' मज़हबी फलसफ़ा भी रखता है।

क़ुरआन-ए-करीम को समझने के लिए क़ुरआन-ए-करीम की ज़ुबान जानना ज़रूरी है
क़ुरआन-ए-करीम को समझने के लिए क़ुरआन-ए-करीम की ज़ुबान जानना ज़रूरी है, क़ुरआन-ए-करीम की ज़ुबान अरबी है, हर खित्ते (जगह) के मुसलमान बिना अपनी इलाकाई ज़ुबान में क़ुरआन-ए-करीम का तर्ज़मा (translation) पढ़े अरबी क़ुरआन को नहीं समझ सकते, इसलिए हर ज़ुबान में तर्ज़मा (translation) करना ज़रूरी है।

Additional Information for AL-QUR'AN KANZUL IMAN WITH KHAZAINUL IRFAN HINDI TRANSLATION
Attribute Value
Book Authors Aalahazrat Imam Ahmad Raza Khan Alahir Rehma
Book Publishers Kanzuliman Foundation